कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है एक तरफ जहां मनीष खंडूरी ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दिया था वही अबपूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ज्ञात होगा की लक्ष्मी राणा हाल में ED दफ्तर पहुंची थी जहां उनसे लंबी पूछताछ की गई थी ऐसे में लक्ष्मी राणा के कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के फैसले को ED इफ़ेक्ट के रूप में देखा जा रहा है।
मैं सन् 1998 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री रही, 1997 से 2001 तक कांग्रेर पार्टी से ब्लॉक प्रमुख जखोली रही, 2002 से 2007 तक उपभोगता फॉर्म की सदस्य (राज्यांत्री) रही, 2014 से 2019 तक कांग्रेस पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग रही, 2017 में रुद्रप्रयाग विधानसभा से कॉग्रेस प्रत्याशी रही, 2018 से अब तक कांग्रेस पार्टी की प्रदेश महामंत्री हूँ।
आपको विदित होगा हाल ही में मेरे घर और प्रतिष्ठान पर राजनीतिक द्वेष के चलते ईडी की छापेमारी हुई, हालांकि मैं जानती हूँ ये एक कानूनी प्रक्रिया है, किंतु पार्टी की तरफ से मेरे खिलाफ हुए इस राजीनीतिक द्वेष के बारे में ना कोई प्रतिक्रिया आई ना ही किसी ने मुझे इस दुःख की घड़ी में कोई ढांढस बंधाया।
मैंने अपने जीवन के 27 साल से ज्यादा समय कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए कार्य किया, मैने उत्तराखंड के दूर दराज के पहाड़ी जिलों में हजारों महिलाओं और युवाओं को रात दिन मेहनत करके पार्टी में जोड़ने प्रयास किया, मैने मेरे जीवन का महत्वपूर्ण समय अपने, कांग्रेस परिवार की मजबूती के लिए समर्पित किया, किंतु आज मेरे कठिन समय में मेरे कांग्रेस परिवार के किसी भी जिम्मेदार पदाधिकारी ने मेरा साथ नहीं दिया, बहुत चिंतन करने के बाद मैंने अत्यंत आहत होकर दुखी मन से निर्णय लिया कि जिस कांग्रेस परिवार के सुख दुख में मैने अपना जीवन खपाया उस कांग्रेस पार्टी में रहने का कोई औचित्य नही है, इसलिए मैं आज दुखी मन से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रही हूँ।